सार्थक अंक किसे कहते है – परिभाषा व् नियम (Significant Figures)

Significant Figures in Hindi : Hello Dosto, Is post me hum aapko सार्थक अंक किसे कहते है – परिभाषा व् नियम ( Sarthak Ank kise kehte hai – Definition and Rules ), Sarthak Ank ko pehchanne ke niyam or example batane ja rahe hai to dosto chaliye suru karte hai Significant Figures in Hindi.

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Significant Figures in Hindi ( सार्थक अंक किसे कहते है )

Significant Figures in hindi

किसी भी राशि को किसी मापक द्वारा एक सीमा तक ही मापा जा सकता है। अत: प्रत्येक मापक यन्त्र द्वारा मापी गई माप, यथार्थता की सीमा तक ही शुद्ध होती है। प्रत्येक मापन में प्रेक्षण का अन्तिम अंक सदैव अनिश्चित होता है। प्रायोगिक या परिकलित मानों में अनिश्चितता को सार्थक अंकों की संख्या द्वारा व्यक्त किया जाता है। सार्थक अंक वे अर्थपूर्ण अंक होते हैं, जो निश्चित रूप से ज्ञात हों। अनिश्चितता को व्यक्त करने के लिए पहले निश्चित अंक लिखे जाते हैं और अनिश्चित अंक को अन्तिम अंक के रूप में लिखा जाता है। उदाहरण – यदि हम किसी परिणाम को 11.2 mL के रूप में लिखें, तो इसमें 11 निश्चित तथा 2 अनिश्चित माना जाएगा तथा अन्तिम अंक में +1 की अनिश्चितता होगी।

किसी भौतिक राशि के शुद्ध मापन को व्यक्त करने के लिए जिन अंको का प्रयोग किया जाता है उन अंको को सार्थक अंक (Significant Figures) कहते है। 

सार्थक अंक निर्धारित करने के नियम (Rules for Reporting Significant Numbers)

  1. विभिन्न संख्याओं में सार्थक अंक निर्धारित करने के लिए कुछ नियमों का अनुसर नियम निम्नलिखित हैं
  2. सभी गैर-शून्य अंक सार्थक होते हैं, जैसे—285 cm में तीन सार्थक अंक तथा 0.25 mL में सार्थक अंक हैं।
  3. प्रथम गैर-शून्य अंक से पहले आने वाले शन्य सार्थक नहीं होते। ऐसे शन्य केवल दशमलव स्थिति को व्यक्त करते हैं। अतः 0.03 में केवल एक सार्थक अंक और 0.0052 में दो सार्थक अंक है।
  4. दो गैर-शून्य अंकों के मध्य स्थित शून्य सार्थक होते हैं। अत: 2.005 में चार सार्थक अंक है।
  5. किसी अंक की दाईं ओर या अन्त में आने वाले शून्य सार्थक होते हैं, परन्तु उनके लिए शर्त यह है। कि वे दशमलव की दाईं ओर स्थित हों। उदाहरण के लिए 0.200 में तीन सार्थक अंक हैं, परन्तु यदि ऐसा न हो तो शून्य सार्थक नहीं होते। उदाहरण के लिए 100 में केवल एक सार्थक अंक है।
  6. नितांत यथार्थपरक संख्याओं में सार्थक अंकों की संख्या अनन्त होती है। उदाहरण – 2 गेंदों या 20 सेबों में सार्थक अंकों की संख्या अनन्त है; क्योंकि ये दोनों ही यथार्थपरक संख्याएँ हैं और इन्हें दशमलव लिखकर उसके बाद अनन्त शून्य लिखकर व्यक्त किया जाता है; जैसे —–             2 = 2.000000 या 20 = 20.00000)

जब संख्याओं को वैज्ञानिक संकेतन में लिखा जाता है, तब 1 से 10 के बीच वाले अंक सार्थक जैसे 4.01 x 10^2 में तीन और 8.256×10^-3 में चार सार्थक अंक है

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